Thursday 3 November 2016

नमस्ते लंदन "

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...कल रात तुम्हें वॉइस मैसेज भेजा था.
सुबह उठे तो सबसे पहले यही देखा कि.,तुमने मैसेज देखा है या ,नहीं..पर तुमने न सिर्फ मैसेज देखा था ,.रिप्लाई भी किया था.,बहोत ख़ुशी हुई कि ,चलो तुमने मेरी बातें पढ़ी तो सही..  
हाँ !,ये और बात है कि , तुम्हारा रिप्लाई झल्लाहट भरे लहज़े में आया था..,व्हाट इज़ दिस ,?
हमने रिप्लाई तो कर दिया है कि वो,.?है क्या..
लेकिन सब  कुछ फिर से वॉइस मैसेज में कहना मुश्किल था.इसलिए शब्दों में समझाने की कोशिश की है.. 
एक लंबा वक़्त गुज़र चुका है ,.हमारे तुम्हारे दर्मयाँ,.जिसमे हमने तुमसे हज़ारों शब्द कहे हैं,.सवाल किये हैं.. और तुमने बस दो टूक जवाब दिए हैं..एक दो बार को छोड़ कर.
यहाँ लिखना शुरू करने से पहले बहोत सारी बातें थी.,पर अभी  लगता है,.कि ,.अगर सारी बातें लिखी तो तुम्हें कहीं ये न लगे कि ,ये अपनी राईटिंग स्किल शो कर रहा है.. 
फिर भी ये ज़रूर कहूँगा कि ,तुम मेरे लिए मायने रखती हो..और हमेशा रखोगी..
हमने कभी किसी तरह के वादे में कोई यक़ीन नहीं रखा,,.और ना ही आज  रखते हैं..फिर भी तुमसे कई सारे वादे करना चाहते हैं.,लेकिन तुम हो कि ,...मेरी एक नहीं सुनती .. 
पता है प्रियम "?
गुस्सा नहीं होना तुम्हें इसी नाम से बुलाते हैं....इसलिए यही नाम जुबां पर आया। 
तुम्हें परेशान करना कभी मेरा मक़सद नहीं रहा.,हो ही नहीं सकता यार.,!
पर अब लगता है,.कि तुम्हें हम परेशान करते हैं..
***
पता है,.कभी गूगल पर अपना नाम सर्च करो ,!, .75सेकेण्ड्स में चार लाख सत्तर हज़ार रिजल्ट्स  हैं.,और अगर नेट की स्पीड अच्छी  हुई तो , .45 सेकेण्ड्स में ही..
जब भी कहीँ  तुम्हारे शहर का ज़िक़्र आता है.,तो ये मन बस तुम्हारा ही नाम गुनगुनाता है..
 क्या करें हम ऐसे ही हैं,. हमेशा ये बात ध्यान रहती है कि ,कभी किसी के लिए मेरे प्यार मेरे अपनेपन मे कोई कमी न हो.. 
.,और तुम" क्या कहूँ कि ,मेरे लिए क्या हो..?
आज भी वो दिन याद है ,जब हॉल में तमाशा मूवी देखते वक़्त इलाहाबाद ".,
तुम्हारे शहर का नाम अचानक से आया था.,तो पूरे हॉल में बस हमने ही अकेले सीटी बजायी थी..
तुम्हें इस तरह फिल्म में पाकर,.. 
अभी पिछले दिनों बेमन से कोई फिल्म देख रहे थे ,तभी किसी क़िरदार में तुम्हारा नाम मिल गया,..बस अब वो मेरी फेवरिट एक्ट्रेस हो गयी..
 और पता है.,? तुम्हारा ज़िक़्र न भी करूँ, तब भी तुम्हारी फ़िक़्र हमेशा ही बनी रहती है..
हर बार जब भी तुम्हारा नाम लेता हूँ.. तो यही सोचता हूँ.. कि ,कितने अच्छे ढंग से तुम्हारा नाम लूँ,.ताक़ि  तुम्हें ख़ुशी हो.. 

***

 हम तुम्हारे किस्से में भले ही न हों.,प्रियम "
..तुम रहोगी,.हमेशा,... 
पता है ?,बहोत कुछ जानना है तुम्हारे बारे में.. 
तुम कहती हो न,कि ,I DON'T TALK MUCH"...
तो अच्छा है न.. तुम खामोश ही रहना,.तुम्हारे हिस्से का भी,. हम ही बोल दिया करेंगे... 
खैर !दुआ रोज़ करते हैं कि ,तुम्हारा ड्रीम पूरा हो.. और जब कभी भूल जाते हैं,.तो जब भी याद आता है,.तुरंत ही कर देते हैं,. 
जैसे आज,.नहीं की थी.. ,सो अभी कर लेते हैं...कि,
.. भगवान् प्लीज् इस लड़की को  LONDON" ले जाइये,!
चलो अभी के लिए इतना ही बहोत है,,.बाक़ी बातें फिर कभी... 
                                                          ,.अपना ख़याल रखना !!
                                                           ,.ख़ुश रहना,!
                                                                                          नमस्ते लंदन "